निवेश के विकल्प , Investment Options - ज़िन्दगी के अनुभव पर Blog : Blog on Life experience

रविवार, 17 नवंबर 2019

निवेश के विकल्प , Investment Options

निवेश के विकल्प , Investment Options 

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निवेश के विकल्प 
https://www.quora.com/ website पर एक प्रश्न यह पूछा गया की "जवानी में किन क्षेत्रों / चीजों में निवेश कर के हम अपना बुढ़ापा सुरक्षित कर सकते  हैं " ? प्रश्न एकदम सही है। परन्तु महत्वपूर्ण यह है की,  "निवेश करने के लिए क्या हम बचत कर पाते हैं "! क्या हमारी कमाई इतनी है की घर की समस्त जिम्मेदारिओं को उठाते हुए कुछ बचत कठिन समय के लिए कर सकें? बचत करना बेहद जरूरी है । यदि हम नौकरीशुदा हैं तो निश्चित रूप से हमारी बेसिक सैलरी का 10 % निवेश Providend Fund  खाते में होता होगा। रिटायरमेंट पर PF की रकम ब्याज सहित मिलती है और Gratuity के रूप में एकमुश्त रकम अलग से प्राप्त होती है। इस फण्ड को ही सही जगह निवेश करके आगे का जीवन संवारा जाता है।

लेकिन जो व्यापारी वर्ग है या जो रिटायर्ड नागरिक हैं जिन्हे पेंशन नहीं मिलती , वो क्या करें? महंगाई जिस दर से बढ़ती है उस दर से यदि हमारी आय न बढे, तो......... कुछ वर्षों बाद हमारे पैसे की कीमत कम हो जायेगी। इतिहास गवाह है सारी जरूरत की चीजें जो आज से 20 वर्ष पहले 100 रुपए में आती थीं वो आज 300 रुपए में आती हैं। मोटे अनुमान के अनुसार हर 20 वर्ष बाद वस्तुओं की औसत कीमत तिगुनी  हो जाती है। अभी 4 महीने में ही दूध के दाम 6 /- रुपए प्रति लीटर बढ़ गए हैं। 
निम्न चार्ट कीमतों में वृद्धि को दर्शा रहा है :-

वस्तुएँ
मूल्य
वर्ष
2000
वर्ष  
2019
सन 2000 से 2019 तक
मूल्य वृद्धि [%]
चाँदी
प्रति किलो
Rs. 7900
Rs. 44390
4.15
सोना
    प्रति 10 ग्राम
         [24 Carrot]
Rs. 4400
Rs. 38000
8.63
देसी घी
प्रति किलो
Rs. 175
Rs. 450
2.57
दूध
             प्रति लीटर
Rs. 20
Rs. 55
2.75
मक्खन
प्रति किलो
Rs. 170
Rs. 450
2.57
चीनी
प्रति किलो
Rs.10.29
Rs. 40
3.88
गेंहू  
प्रति किलो
Rs. 10
Rs. 25
2.50
गन्ना 
प्रति क्विंटल
Rs.52.70
Rs. 255
4.83
खाद्य तेल
             प्रति लीटर



मूंगफली  
                “  ”
Rs. 40
Rs. 130
3.25
सरसों 
                “  “
Rs. 35
Rs. 105
3.00
सोया
                “  “
Rs. 30
Rs. 90
3.00
पेट्रोल  
             प्रति लीटर
Rs.25.94
Rs. 77.40
2.98
डीजल   
             प्रति लीटर
Rs.16.55
Rs. 71.24
4.30


तो उसी हिसाब से हमारी आमंदनी भी तिगुनी  होनी चाहिए। जो पेंशनर्स हैं उनकी पेंशन में तो हर 6 महीने बाद महंगाई भत्ता [DA ] बढ़ जाता है। परन्तु जिन्हे पेंशन नहीं मिलती उनको निश्चित रूप से अपने पैसे को बढ़ाने की चिंता हर समय लगी रहती है।
आज का दौर बच्चों पर निर्भर रहने का नहीं है। कारण, बच्चों की अपनी महत्वाकांक्षा है। शादी के बाद उनकी भी जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। अतः बुढ़ापे में जब शरीर काम करने के लायक नहीं रहता तब पैसों की जरूरत कैसे पूरी करें। या कमाने वाले किसी एक की मृत्यु हो जाए तो घर का खर्च कैसे चलाएं , दुनियादारी कैसे निभाएं, बीमारी का इलाज़ कैसे कराएं जो आजकल बहुत महंगा है ???? ये प्रश्न हर बार खाये जाते हैं।  तो आइये जाने की ऐसे कौन से उपाय हैं जिनका पालन 25 वर्ष की उम्र से ही करने पर 60 / 65 वर्ष की उम्र के बाद भी नियमित आमंदनी होती रहे।

1. जीवन बीमा :-

25 वर्ष की उम्र में ही 50,000 रुपए वार्षिक प्रीमियम का जीवन बीमा 30 वर्ष के लिए लीजिये। यानि 5,00,000 रुपए से आपकी लाइफ कवर। 80 c  में आयकर छूट प्राप्त कीजिये।  55 वर्ष की उम्र में 15,00,000 + बोनस +Loyalty  addition  = 30,00,000 रुपए के लगभग परिपक्वता पर पाइये और इस राशि से पेंशन एन्युटी खरीद लीजिये।  30,00,000 रुपए के 10 % रकम यानी 3,00,000 रुपए वार्षिक या 25,000 रुपए मासिक  पेंशन मिल सकती है।  उसके बाद 35  वर्ष की उम्र में एक और बीमा 50,000 रुपए वार्षिक लीजिये वो 25  वर्ष के लिए।  80 c में आयकर छूट पाइये।  60 वर्ष की उम्र में 12,50,000 + बोनस  ऐड = 24 ,00,000  रुपए पाइये और इस राशि से भी पेंशन एन्युटी खरीद लीजिये। 24,00,000 रुपए का 10 % हुआ 2,40,000 रुपए वार्षिक या 20,000 रुपए मासिक पेंशन ले सकते हैं।  इस तरह जब आप 61  वर्ष के होंगे आपको 25,000 +20,000 = 45,000 रुपए मासिक पेंशन मिलने लग जायेगी।  याद रखने वाली बात यह हैं की बढ़ती  उम्र के साथ बीमा  प्रीमियम भी बढ़ता रेहता है अर्थार्त जितना देरी से जीवन बीमा खरीदेंगे उतना ही ज्यादा प्रीमियम देना पड़ेगा !

2.  गोल्ड निवेश 


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गोल्ड / सोना निवेश 

सोना / Gold खरीदिये।  24 कैरट का शुद्ध सोना जब उसकी कीमत कम हो तब खरीदिये । 22 कैरट या जवाहराती सोना की रीसेल वैल्यू कम मिलती है !! इन दिनों सोना मँहगा है सस्ते होने का इंतजार करिये। सोना एक ऐसी वस्तु है जिसके दाम प्रति वर्ष बढ़ते हैं।  कभी भी उसको कैश  में  बदलवा सकते हैं। खरीददार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध हैं !





3. ज़मीन / मकान में निवेश Real Estate

प्रारम्भ से ही इंसान को अपना घर बनाने की इच्छा रही है। अपना घर के बहुत फायदे हैं। बार -बार खाली करने का कोई झंझट नहीं। अपने बैंकर या किसी भी बैंक से गृह -ऋण 8.50% की दर पर उपलब्ध है। किराये की बचत में कुछ रकम मिलाकर ही क़िस्त भरी जा सकती है । इनकम टैक्स में छूट। और समय के साथ -साथ मकान के  मूल्य में भी वृद्धि। समय के साथ पता ही नहीं चलता और मकान की किस्तें चुक जाती हैं। कोशिश करिये भले ही एक कमरा , एक रसोई का फ्लैट या मकान अपने बजट में खरीदने की। बुढ़ापे की सबसे मजबूत लाठी है ये !

4. पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड Public Provident Fund [PPF]

15 वर्ष के लिए खाता खोलिये। 500 रुपए से 1,50,000 रुपए तक प्रति वर्ष जमा कीजिये। 7.60 % चक्रवृद्धि ब्याज प्रतिवर्ष पाइये। इनकम टैक्स में 80 c में छूट। परिपक्वता पर प्राप्त समस्त रकम टैक्स फ्री। बैंक्स तथा पोस्ट ऑफिस में PPF खाता खोला जा सकता है। छठे वर्ष में कुछ रकम निकाल सकते हैं या लोन ले सकते हैं। 2000 रूपए प्रतिमाह या  24000 रुपए प्रतिवर्ष जमा करने पर 15 वर्ष पश्चात् रुपए 3,60,000  + 240000 = 6,00,000 maturity रकम मिलती है।
Extension Period:- PPF का Maturity Period 15 वर्ष का होता है।  लेकिन इसके बाद भी प्रत्येक 5 -5 साल के लिए योगदान  के साथ [With contribution]  या बिना योगदान [Without contribution] के जारी रखा जा सकता है। यदि maturity पर PPF अकाउंट का भुगतान नहीं लिया जाता तो वह automatically 5 वर्ष के लिए extend हो जाता है और ब्याज जुड़ता रहता है। 5 वर्ष और पूरे होने के बाद भी यदि भुगतान नहीं लिया जाता तो पुनः 5 वर्ष के लिए अकाउंट extend हो जायेगा और उस समय प्रचलित दर से ब्याज मिलता रहेगा।
Extension Period में यदि निवेशक 80 c टैक्स छूट के लिए और contribution करना चाहता है तो maturity period के एक साल के अंदर निवेशक को Form -H भरकर देना होगा तब ही अतिरिक्त रकम जमा करने पर ब्याज मिलेगा।
Premature Closure of PPF A/c:-  अगर निवेशक [Investor ] PPF अकाउंट में लगातार 5 वर्षों तक पैसे जमा कर रहे हैं तो इसके बाद स्वयं , पत्नी , बच्चे या माता-पिता की किसी गंभीर बीमारी के ईलाज के लिए अथवा बच्चो की Higher Education के लिए अकाउंट बंद करके पूरी रकम निकाल सकते हैं , हाँ ब्याज में 1 % पेनल्टी लगेगी। PPF A/c की एक और विशेषता यह है की इस खाते में जमा पूँजी को "कोर्ट के आदेश से भी जब्त नहीं किया जा सकता है ". 

5. म्यूच्यूअल फण्ड 

जैसा की नाम से ही विदित है " Mutual " यानी "आपसी"।  चूँकि ज्यादातर निवेशक  शेयर बाजार की बारीकियां नहीं समझते अतः वो अपनी बचत में वृद्धि के लिए रकम एक ऐसी कंपनी को देते हैं जिसमे प्रोफेशनल मैनेजर्स मार्किट की रिसर्च के आधार पर निवेशक की  रकम को स्टॉक्स , बांड्स , सरकारी सिक्योरिटीज तथा वित्तीय बाजार के विभिन्न विकल्पों में निवेश करते हैं और पूरा ध्यान  रखते हैं की निवेशकों का धन सुरक्षित रहे। ऐसी कंपनी को एसेट्स मैनेजमेंट कंपनी कहा जाता है। 12 % से 15 % वार्षिक तक का ब्याज मिल जाता है। एक मुश्त रकम या क़िस्त SIP [Systematic investment Plan]  निवेश किया जा  सकता है । किसी अच्छे फण्ड मैनेजर की सलाह से निवेश कर सकते हैं।

6. सरकारी बांड्स

सरकारी बांड्स यानी सबसे सुरक्षित निवेश क्यों कि इन्हें सरकार जारी करती है। परन्तु ब्याज उतना नहीं मिलता जो भविष्य में बढ़ती मंहगाई से मुकाबला कर सके। फिर भी सुरक्षित निवेश के लिए अच्छा विकल्प है।

7. इक्विटी / शेयर में निवेश 

शेयर या  Equity निवेश से भी सालाना 15% से 30% प्रतिशत return संभव है। इसके  अलावा  ट्रेडिंग करके भी कमाई की जा सकती है। परन्तु ये उपाय अत्यंत जोखिम पूर्ण है और एक लम्बे अनुभव के  पश्चात् ही किया जाता है। पढ़िए :-
https://www.zindagikeanubhav.in/2019/10/share-market-game-part-2.html



8. डिबेंचर्स 

डिबेंचर्स एक तरह के ऋण पत्र हैं जो लम्बी अवधि के लिए बड़ी कम्पनिओं द्वारा जनता से पैसे उधार लेने के बदले में  जारी किये  जाते हैं। इन डिबेंचर्स पर कम्पनी द्वारा ब्याज दिया  जाता है। जो  आमतौर पर बैंक की फिक्स्ड डिपॉजिट्स की दर से अधिक होता है।  कम्पनी की गुडविल के आधार पर ही जनता  उस कंपनी को अपना पैसा उधार देती है। डिबेंचर्स तीन प्रकार के होते हैं :-
[१] परिवर्तनीय डिबेंचर [Convertible Debentures ] ऐसे ऋण पत्र जो एक निश्चित अवधि के बाद इक्विटी शेयर में बदल दिए जाते हैं। इन पर ब्याज कम दिया जाता है।  जनता की रूचि ऐसे डिबेंचर्स में ज्यादा रहती है।
[२] अपरिवर्तनीय डिबेंचर्स [Non -Convertible Debentures ] ऐसे ऋण पत्र  जिनका भुगतान एक निश्चित अवधि के पश्चात् जनता को कर दिया जाता है। इन पर ब्याज अधिक दिया जाता है।
[३] आंशिक परिवर्तनीय डिबेंचर्स [Partially Convertible Debentures ] ऐसे डिबेंचर जिनका कुछ हिस्सा इक्विटी शेयर में बदल दिया जाता है और शेष का भुगतान कर दिया जाता है।

किसी भी कंपनी के डिबेंचर्स खरीदने से पहले उसकी गुडविल , उत्पाद ,  वित्तीय हालत देखि जाती है। परिवर्तनीय डिबेंचर्स लेने चाहिए जो बाद में शेयर्स में बदल जाते हैं। जिन्हें लम्बी  अवधि के लिए  रखा जा सकता है।

9 . नेशनल पेंशन स्कीम 

सरकार  द्वारा समर्थित सबसे अच्छा निवेश विकल्प जिसमे पेंशन की सुविधा उपलब्ध है। NPS, हमारे पैसे को  शेयर मार्किट , बांड्स , सरकारी सिक्योरिटी , तथा अन्य उपलब्ध विकल्प में निवेशक  की इच्छा अनुसार निवेश करता है। लॉक इन पीरियड निवेशक की उम्र पर निर्भर करता है। निवेश की उम्र  60 वर्ष पूरी हो जाने पर स्कीम matured हो जाती है। स्कीम के अनुसार अर्जित ब्याज कर -मुक्त है। लेकिन यदि maturity पर पूरा पैसा वापिस लिया जाए तो केवल 40 % परिपक्वता राशि  कर मुक्त है।  या  पूरे पैसे को  फिर से निवेश कर पेंशन का विल्कप दिया जा सकता है।

10 . सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम 



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सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम 
जो नागरिक 60 वर्ष से ऊपर के हैं उनके लिए जोखिम मुक्त स्कीम है SCSS. इस स्कीम में 8.60 % प्रतिवर्ष ब्याज देय है। ये बैंक्स व पोस्ट ऑफिस के माध्यम से उपलब्ध है। अधिकतम 15,00,000 रुपए की राशि 5 वर्ष के लिए निवेश कर सकते हैं जिसे बाद में 3 वर्ष के लिए और बढ़ा सकते हैं|  रुपए 15 लाख पर प्रति वर्ष ब्याज 1,29,000 होता है जो त्रेमासिक रुपए 32,250 तथा मासिक रुपए 10,750 होता है।



11  . बैंक फिक्स्ड डिपाजिट 



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सरकारी बैंक्स 
बैंक की फिक्स्ड डिपॉजिट्स सीनियर सिटीजन के लिए  उपयुक्त है। कारण एक तो उन्हें आधा प्रतिशत ब्याज अधिक मिलता है , दुसरे कभी भी जरूरत पड़ने पर उसका भुगतान  लिया जा सकता है। डिपाजिट पर मिलने वाले ब्याज का  मासिक , त्रेमासिक या वार्षिक समयानुसार भुगतान  लिया जा सकता है।
ध्यान देने वाली बात ये है की एक वित्तीय वर्ष में FD पर मिलने वाला ब्याज यदि 40,000  रुपए से अधिक है तो उस पर 10 % टैक्स बैंक काट देता है।  और यदि PAN नंबर नहीं है तो 20 % टैक्स काटता है।  और यदि किसी व्यक्ति की आय कर -योग्य है तो ब्याज को इनकम में जोड़ा जाता है तथा टैक्स का अतिरिक्त भुगतान करना होता है । जिस व्यक्ति की आय कर-योग्य नहीं है उसे फॉर्म 15 -H या 15 -G बैंक को देने पर टैक्स नहीं कटता।  लम्बे समय के लिए फिक्स्ड डिपाजिट का निवेश महंगाई से लड़ने में सहयोग कर सकता है। 
बैंक FD पर ब्याज की गढ़ना [Calculation] निम्न उदाहरण से समझी जा सकती है :-
Year
Prin.Amt.
Today's Intt.Rate
Period
30 yr intt
Maturity                        Amount
1st
50000
6.75
30 years
322458
372458
2nd
50000
6.75
29
298343
348343
3rd
50000
6.75
28
275790
325790
4th
50000
6.75
27
254696
304696
5th
50000
6.75
26
234968
284968
6th
50000
6.75
25
216518
266518
7th
50000
6.75
24
199262
249262
8th
50000
6.75
23
183124
233124
9th
50000
6.75
22
168030
218030

10th
50000
6.75
21
153913
203913
11
50000
6.75
20
140711
190711
12
50000
6.75
19
128363
178363
13
50000
6.75
18
116815
166815
14
50000
6.75
17
106014
156014
15
50000
6.75
16
95913
145913
16
50000
6.75
15
86466
136466
17
50000
6.75
14
77630
127630
18
50000
6.75
13
69366
119366
19
50000
6.75
12
61638
111638
20
50000
6.75
11
54410
104410
21st
50000
6.75
10
47650
97650
22
50000
6.75
9
41327
91327
23
50000
6.75
8
35414
85414
24
50000
6.75
7
29884
79884
25
50000
6.75
6
24712
74712
26
50000
6.75
5
19875
69875
27
50000
6.75
4
15350
65350
28
50000
6.75
3
11120
61120
29
50000
6.75
2
7162
57162
30th
50000
6.75
1
3461
53461
Total
1500000


3480383
4980383






Note:- [1] उपरोक्त ब्याज की गणना चक्रवृदि दर से है तथा अनुमानित है।   
 [2]बैंक अधिकतम 10 वर्ष के लिए फिक्स्ड डिपाजिट करती है। उसके बाद अगले 10 -10 वर्ष के लिए निवेश बढ़ाया जा सकता है।      
 [3] ब्याज की दर आने वाले वर्षों में घट -बढ़ सकती है।                             

ज़िन्दगी में कभी भी कठिन समय {Rainy Days } आ सकता है। अतः कुछ बचत जबरदस्ती {Forced Savings } करनी ही चाहिए।  PF कटौती इसी श्रेणी में आती है !

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