वहम; एक झूठा विश्वास - ज़िन्दगी के अनुभव पर Blog : Blog on Life experience

शनिवार, 30 नवंबर 2019

वहम; एक झूठा विश्वास

वहम ; एक झूठा विश्वास / Doubt ; A false belief

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वहम ; एक झूठा विश्वास 
बरसों पहले राजेश खन्ना और मुमताज़ अभिनीत फिल्म "आपकी कसम " देखी थी।  उस फिल्म में नायक को अपनी पत्नी के चरित्र पर शक़ [ वहम ] हो जाता है , दोनों में झगडे शुरू हो जाते हैं , तनाव पनपने लगता है और अंततः नायिका अपने पिता के घर आ जाती है। दोनों की ज़िन्दगी अकेलेपन को झेलने लगती है, जिसमे एक-दुसरे के दुःख-दर्द को बांटने वाला कोई नहीं है।  फिल्म के मध्य  में नायक को अपनी गलती का अहसास होता है , लेकिन तब नायिका अपने स्वाभिमान पर हुए कुठारघात के कारण नायक को क्षमा नहीं करती। समय गुजरता है और  ज़िन्दगी बूढ़ी हो चुकी होती है।  अकेलेपन की टीस नायक-नायिका को खोखला कर देती है। नायक क्षमा मांगते हुए दुनिया को अलविदा कह देता है। 

एक अन्य कहानी में नायक विवेक के पिता की मृत्यु हो जाती है।  उनका अंतिम संस्कार करने के 5 दिन बाद वो अपनी मासी के पुत्र की शादी में शामिल होता है और दुर्भाग्य से हार्ट -अटेक से मासी चल बसती  है।  जिसका इलज़ाम विवेक पर लगता है, "कि पिता की  मृत्यु के पश्चात् शीघ्र ही  शादी में सम्मिलित होने से ये हादसा हुआ "। विवेक अपने आपको दोषी मानने लगता है और डिप्रेशन में चला जाता है। 


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वैष्णो देवी दरबार 
तीसरी घटना में एक परिवार वैष्णो -देवी के दर्शन के लिए अपनी निजी कर से रवाना होता हैं , परन्तु रास्ते में एक्सीडेंट हो जाता है , परिवार के एक सदस्य की मृत्यु हो जाती है। मोहल्ले के निवासी कहते हैं की दर्शन जाते समय उन्होंने कार के नीचे  "नारियल " नहीं पिचकाया था , इसलिए ये हादसा हुआ !!




जब ज़िन्दगी में कुछ अनहोनी घटना हो जाती है, तब कुछ लोग उसके कारण को वहम से जोड़ देते हैं। " वहम  " अर्थार्थ "डर "; "डर " अर्थार्थ "तनाव "; तनाव मतलब:- स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव।  इंसान ने ज़िन्दगी में अनेक अवसरों पर निम्न "वहम " पाल रखें  हैं :-
  • बिल्ली रास्ता काट गयी।  हमें रूककर चलना चाहिए। कहीं दुर्घटना न हो जाए। 
  • अरे यार चलते समय छींक दिया , अब रुकना पड़ेगा। 
  • तस्वीर गिर कर टूट गई , जरूर अपशगुन होगा। 
  • बहु को पहली होली सास के साथ नहीं खेलनी चाहिए।  सास की जान को खतरा होता है। 
  • चप्पल के ऊपर चप्पल नहीं पड़ी रेहनी चाहिए , बुरी खबर के लिए जाना पड़  सकता है। 
  • आज मेरी बायीं आँख फड़क रही है , अशुभ सूचना  का संकेत है। 
  • हथेली खुजला रही है ,  लगता है कहीं से पैसे मिलने वाले हैं। 
  • परीक्षा देने जा रहे तो दही -पेड़ा खाकर जाओ , पेपर अच्छा होगा। 
  • किसी की मृत्यु के पश्चात् एक महीने तक शादी में नहीं जाना चाहिए , नहीं तो शादी वाले घर में दुःख की खबर आ सकती है। 
  • लंबी यात्रा पर जा रहे हैं तो गाडी के टायर के नीचे नारियल पिचका कर चलना चाहिए , दुर्घटना से बचाव होगा। 
  • घर के  बाहर निम्बू -मिर्च लटकाने से अपशकुन टलता है। 
  • किसी ने जादू -टोना करके हमारे परिवार को अलग कर दिया !
  • मेरी तो किस्मत ही ख़राब है , मेरे सितारे गर्दिश में चल रहे हैं, कुछ भी अच्छा कर लूँ, उल्टा ही फल मिलता है !
  • अरे यार जाते वक़्त टोक दिया ना , अब बैठना पड़ेगा नहीं तो कुछ उल्टा हो जाएगा !
  • पता नहीं किसका चेहरा देखा था सुबह , सारा दिन ख़राब हो गया !
  • यदि स्थान परिवर्तन करना चाहते हो तो घर में "धनियाँ " उगाओ !
  • जरूर उसका किसी के साथ चक्कर है , वार्ना मेरे साथ उसका ऐसा व्यव्हार नहीं होता।  मेरा कहना जरूर माना होता। मुझे इस तरह से ignore नहीं किया जाता। 
  • X ने जरूर Y से मेरे ख़िलाफ़ कान भरे होंगे !  आदि , आदि बेसिर -पैर के वहम [भ्रम ]आम ज़िन्दगी में आम हैं। 

वहम के परिणाम :

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वहम ; एक झूठा विश्वास 
इन सारे वहम के परिणाम क्या हमेशा वो ही होते हैं , जैसे बताये जाते हैं ? शायद नहीं या फिर कहो कभी नहीं !बल्कि इन सारे वहम को पालने के दुष्परिणाम अधिक होते हैं ! उदाहरण के लिए यदि आप ट्रैन से सफर करने के लिए घर से निकलते हैं और अचानक बिल्ली रास्ता काट जाती है या कोई छींक देता है और आप थोड़ी देर के रुक जाते हैं , तो संभव है की ट्रैन छूट जाए। दूसरी ओर, बिल्ली अगर ट्रैन का रास्ता काट जाए तो ट्रैन कभी नहीं रूकती ! अगर ट्रैन का ड्राइवर ट्रैन थोड़ी देर के रोक दे तो उसकी नौकरी के लाले पड़ जाएँ। 

अनेक अवसर पर घर , ऑफिस, रिश्तों , परिस्तिथियों में हम  शंकाये , भ्रम , वहम पाल लेते हैं और एक-दुसरे से मनमुटाव कर बैठते हैं जबकि हक़ीक़त कुछ और ही होती है। परिणाम तनाव पैदा कर देता है। और संबंधों को विराम लग जाता है। 

दही-पेड़ा खाकर जाने से कभी पेपर अच्छा नहीं होता , बल्कि सुस्ती आती रहती है पेपर बिगड़ सकता है। अच्छा हो व्यायाम करके पेपर देने जाया जाए , चुस्ती बनी रहेगी।

छींक आना ; छींक आमतौर पर तब आती है जब नाक के अंदर की झिल्ली , किसी बाहरी पदार्थ के घुस जाने से  खुजलाने लगती है या फिर जुकाम हो जाने पर नाक के भीतर की झिल्ली में सूजन आ जाने से उसमे खुजलाहट होती है। [विकिपीडिया से लिया गया ]

आँख तब फड़कती है जब आँख की मासपेशियाँ आपस में एक जगह एकत्रित हो जाती हैं जिससे आँखों में खिचाव पैदा होता है; या आँखों को लम्बे समय तक विश्राम न दिया गया हो; अथवा शरीर की वायु को नाक / मुँह से बाहर निकलने में रूकावट हो रही हो।  

मृत्यु एक शाश्वत सत्य है , जिस जीव ने जन्म लिया है एक न एक दिन उसको जाना पड़ेगा। परन्तु उसकी मृत्यु से अन्य जीव की मृत्यु का कोई बंधन नहीं हो सकता। जब जिसका समय आएगा उसको जाना होगा , लाख कोशिशें भी उसे रोक नहीं पायेंगी। प्रतिदिन कोई जन्म लेता है और कोई मृत्यु को प्राप्त होता है। अतः गमी से आये व्यक्ति के किसी मांगलिक -कार्य में सम्मिलित होने से अशुभ नहीं होता। 

वहम; एक झूठा विश्वास

वहम ; एक झूठा विश्वास 
तो क्या "वहम " का क्या कोई ईलाज़ है ? बिलकुल है।  

सारे वहम "अनुमान, [kalpana] " पर आधारित होते हैं ! संबंधों में पाले गए वहम अक्सर झूठी बात सुनकर या अर्ध्य -सत्य देख कर पाले जाते हैं। कई बार आँखों देखा भी सच नहीं होता।

अन्य  वहम तब पलते हैं जब हम बिना तर्क के, बिना सच्चाई जाने , सुनी हुई बातों पर  विश्वास पाल लेते हैं। जिसका सबसे बड़ा कारण है कमजोर मानसिकता।  मानसिकता यदि तर्कों पर आधारित न हो तो अतार्किक विश्वास जन्म लेते हैं। कभी किसी के साथ कोई दुर्घटना घटी, और उसे किसी बात के साथ जोड़ दिया गया|  जैसे, हो सकता है कभी किसी  बहु के रहते पहली  ही होली पर उसकी सास की मृत्यु हो गयी हो किसी भी कारण से , बस तब से ही शायद ये धारणा बना ली गई कि "पहली होली बहु और सास एक साथ नहीं खेलेगी। "

कभी भी कोई जादू -टोना, टोटका करने से कोई कार्य सिद्ध नहीं होता। यदि ऐसा होता तो कोई भी इंसान कर्म नहीं करता , बस टोने -टोटके से काम चला लेता।  अच्छा , मजे की बात ये है की "वहम " की बीमारी इंसानो में अधिक है।  कभी किसी अन्य जीव को ऐसा सोचते / करते नहीं देखा।

दूसरी ओर , अनुमान यदि वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित है तो परिणाम सर्वसम्मत होते हैं।  जैसे :- आग है तब ही धुआँ होता है क्योंकि पदार्थ में जो कार्बन है उसे जलने में समय लगता है।  काटोगे तो दर्द होगा क्योकि मांसपेशियाँ सिकुडेंगी। बीमार हो तो शरीर में वात  , पित्त , कफ गड़बड़ है जिसका उपचार दवा है। 


" वहम " प्रगतिशीलता के मार्ग में रुकावट पैदा करता है।  संबंधों में कड़वाहट उपजाता है। जीवन में निर्णय लेने की क्षमता को कमजोर करता है। मानसिक तनाव पैदा करता है ,अतः उससे बचें। प्रसन्न रहें और प्रत्येक घटना को बेतर्क नियमों से जोड़ना छोड़ें।

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