शेयर -बाजार का खेल : Share-Market Game [Part-2]
शेयर -बाजार से पैसा कमाने के दो माध्यम ज्यादा प्रचलित हैं।
[A] निवेश [Investment ] जो दो तरह के होते हैं।
[1 ] लम्बी अवधि के निवेश [Long -Term Investment ]
इस अवधि में आमतौर पर 3 वर्ष से ऊपर के लिए कंपनी की पूँजी में निवेश किया जाता है। निवेश के लिए दो माध्यम अपनाये जाते हैं।
[i ] कंपनी के पब्लिक ऑफर में निवेश करना [IPO] | पिछले 2 वर्षों में आये पब्लिक इश्यूज के आंकलन बताते हैं कि जनता के पैसे पर कमाई [Return] का अनुपात [Ratio] 50 -50 रहा है। अर्थार्थ 100 निवेशकों में से 50 को लाभ तथा 50 को हानि हुई है। निम्न चार्ट इसकी पुष्टि करता है :↓
Performance
of IPOs during 2017 to March 2020
|
||||||
Company
Name
|
IPO
Rate
|
Date
|
Latest
Rate
|
Date
|
Gain%
|
Loss%
|
ICICI
Lombard
|
Rs.651
to 661
|
15-09-17
|
1105 .00
|
31-03-20
|
(+)67.72
|
|
SBI
Life Insu
|
Rs.685
to 700
|
20-09-17
|
635.25
|
31-03-20
|
(-) 0.70
|
|
Pratap
Snacks
|
Rs.930
to 938
|
22-09-17
|
491.50
|
31-03-20
|
(-) 47.65
|
|
Mahindra
Logis
|
Rs.425
to 429
|
31-10-17
|
227.65
|
31-03-20
|
(-) 47.40
|
|
HDFC
Life
|
Rs.275
to 290
|
07-11-17
|
429.65
|
31-03-20
|
(+)48.41
|
|
Future
Supply
|
Rs.660
to 664
|
06-12-17
|
99.85
|
31-03-20
|
(-) 84.82
|
|
Astron
Paper
|
Rs.45
to 50
|
15-12-17
|
26.25
|
31-03-20
|
(-) 49.45
|
|
Bandhan
Bank
|
Rs.370
to 375
|
15-03-18
|
194.25
|
31-03-20
|
(-) 48.26
|
|
Aster
DM Health
|
Rs.180
to 190
|
12-02-18
|
93.35
|
31-03-20
|
(-) 51.76
|
|
Bharat
Dynamics
|
Rs.413
to 428
|
13-03-18
|
184.05
|
31-03-20
|
(-) 57.44
|
|
Hindustan
Aero..
|
Rs.1215
to 1240
|
16-03-18
|
533.40
|
31-03-20
|
(-) 57.09
|
|
Rites
|
Rs.180
to 185
|
20-06-18
|
243.35
|
31-03-20
|
(+)31.27
|
|
Credit
Access Gra
|
Rs.418
to 422
|
08-08-18
|
338.35
|
31-03-20
|
(-) 19.80
|
|
MSTC
|
Rs.121
to 128
|
13-03-19
|
83.70
|
31-03-20
|
(-) 34.14
|
|
Sterling
& wils
|
Rs.775
to 780
|
06-08-19
|
80.65
|
31-03-20
|
(-) 89.74
|
किसी भी आईपीओ में पैसा लगाने से पहले बहुत से पैरामीटर की जांच करनी आवश्यक होती है। जैसे की :-
[1] कंपनी किस सेक्टर में काम करती है। उस सेक्टर की मार्किट में मांग कितनी है।
[2] कंपनी के प्रोमोटर्स का इतिहास, अनुभव व् कार्यप्रणाली क्या है।
[3] शेयर होल्डिंग पैटर्न में प्रोमोटर्स की कितने प्रतिशत भागेदारी है।
[4] पब्लिक ऑफर का उद्देश्य क्या है।
[5] यदि कंपनी नई है तो भविष्य की योजनाएं क्या हैं। फण्ड का उपयोग कैसे होगा।
[6] बिक्री , लाभ , डिविडेंड पर कंपनी की क्या टिप्पणी है।
[7] देनदारियां , सम्पति , ऋण की क्या स्थिति है। आदि -आदि।
नई कंपनी के IPO में पैसा लगाने से बचना चाहिए क्यों की आपके पैसे पर कई साल बाद Return मिलेगा।
निवेश के लिए बेंजामिन ग्राहम की पुस्तक "दी इंटेलिजेंट इन्वेस्टर " बहुत प्रसिद्ध है।
उसके मुख्य अंश निम्न हैं :-
[2 ] कंपनी के प्रोमोटर्स का इतिहास, अनुभव व् कार्यप्रणाली क्या है।
[3 ] शेयर होल्डिंग पैटर्न में प्रोमोटर्स की कितने प्रतिशत भागेदारी है।
[4 ] पिछले 3 वर्ष में कंपनी का परफॉरमेंस कैसा रहा है।
यानि Stock Price earning [PE], Book -value , ROCE, ROE, Sales-growth, Profit-growth, Debt-Equity Ratio, EPS, EBITDA [Earnings before interest, tax, depreciation and amortization -ये किसी कंपनी की ऑपरेटिंग परफॉरमेंस जांचने का साधन है ] डिविडेंड परफॉरमेंस , पूँजी का किस तरह उपयोग हो रहा है , ऋण की स्थिति क्या है , कैश -फ्लो कैसा है।
[5 ] प्रोमोटर्स के शेयर्स के गिरवी रखने की क्या स्थिति है।
[6 ] कंपनी के शेयर के 52 weeks high / Low रेट क्या है।
[7 ] कंपनी के शेयर का ट्रेंड क्या है ? अर्थार्थ भाव ऊपर हैं या नीचे। नीचे हैं तो क्यों है ?
[8 ] कंपनी का टेक्निकल चार्ट क्या कहता है।
[9 ] कंपनी बुनियादी रूप से कितनी मजबूत है।
[10] सरकार की नीतिओं का कंपनी की परफॉरमेंस पर क्या प्रभाव हो रहा है। आदि -आदि।
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[1] कंपनी किस सेक्टर में काम करती है। उस सेक्टर की मार्किट में मांग कितनी है।
[2] कंपनी के प्रोमोटर्स का इतिहास, अनुभव व् कार्यप्रणाली क्या है।
[3] शेयर होल्डिंग पैटर्न में प्रोमोटर्स की कितने प्रतिशत भागेदारी है।
[4] पब्लिक ऑफर का उद्देश्य क्या है।
[5] यदि कंपनी नई है तो भविष्य की योजनाएं क्या हैं। फण्ड का उपयोग कैसे होगा।
[6] बिक्री , लाभ , डिविडेंड पर कंपनी की क्या टिप्पणी है।
[7] देनदारियां , सम्पति , ऋण की क्या स्थिति है। आदि -आदि।
नई कंपनी के IPO में पैसा लगाने से बचना चाहिए क्यों की आपके पैसे पर कई साल बाद Return मिलेगा।
निवेश के लिए बेंजामिन ग्राहम की पुस्तक "दी इंटेलिजेंट इन्वेस्टर " बहुत प्रसिद्ध है।
उसके मुख्य अंश निम्न हैं :-
- निवेश से पहले पूर्णरूप से कंपनी व उसकी बैलेंस शीट का विश्लेषण करना।
- अपनी रकम के सुरक्षा का पूर्ण ध्यान रखना।
- पर्याप्त रिटर्न की सम्भावना कम से कम 12 % होनी चाहिए।
- मार्केट -रेट बढ़ने पर "बेचना" और मार्किट -रेट गिरने पर "खरीदना" नियम होना चाहिए ।
- सेफ्टी मार्जिन का उपयोग करना अर्थात किसी कंपनी के शेयर की फेयर मार्केट वैल्यू यदि 100 /- रुपए है तो उसे 70/- या 80/- रुपए में खरीदना।
- डिफेंसिव निवेशक के स्थान पर एंटरप्राइसिंग निवेशक बनना। अर्थात ज्यादा जोखिम , ज्यादा समय देना वाला और स्वयं पर ज्यादा भरोसे वाला निवेशक बनना।
- अगर निवेशक मार्किट का विश्लेषण करने में असमर्थ हो तो "इंडेक्स फण्ड " में निवेश करना। जहाँ से सामान्य रिटर्न ही प्राप्त होगा।
- उस कंपनी में निवेश करना जिसकी सेल्स [Revenue ] कम से कम 50 करोड़ [500 million ] हो।
- उस कंपनी के Current Assets उसकी Current Liabilities के दोगुने हों।
- लम्बी अवधि के क़र्ज़ [Long term borrowing ] उसके current assets से ज्यादा न हों।
- पिछले 10 वर्ष से नेट प्रॉफिट में हो तथा 10 वर्ष से लगातार डिविडेंड दे रही हो।
- पिछले 10 वर्ष से EPS [Earning Per Share] में लगातार एक तिहाई 1/3 वृद्धि हो रही हो।
- कंपनी के शेयर का मूल्य उसके PE [Price Earning = Market Price of Share / EPS] से 15 गुना से अधिक न हो तथा Book Value =[Total value of stock holder equity / number of share] से डेढ़ गुना 1.5 times अधिक न हो।
- इस कंपनी के कम से कम 10 और ज्यादा से ज्यादा 30 शेयर ही खरीदे जाएँ।
इसके अलावा दो और रणनीति [Strategies ] भी बताई हैं। वो उन निवेशकों के लिए हैं जो थोड़ा जोखिम और ले सकते हैं। उपरोक्त वर्णित सुझावों में थोड़ा रद्दोबदल करके निवेश कर सकते हैं।
इस विश्लेषण को ही "Fundamental Analysis" कहते हैं।
इस विश्लेषण को ही "Fundamental Analysis" कहते हैं।
[ii] Stock -exchange [BSE / NSE ] से सीधे शेयर खरीदना।
इस माध्यम से उन कंपनियों के शेयर ख़रीदे जाते हैं जो पहले से ही Stock-Exchange में लिस्टेड हैं और जिनका प्रदर्शन [Performance] अच्छा चल रहा है। यहाँ भी बहुत से मापदण्ड [Parameter ] की जांच करनी आवश्यक होती है। जैसे की :-
[1 ] कंपनी किस सेक्टर में काम करती है। उस सेक्टर के उत्पादन की मार्किट में मांग कितनी है।[2 ] कंपनी के प्रोमोटर्स का इतिहास, अनुभव व् कार्यप्रणाली क्या है।
[3 ] शेयर होल्डिंग पैटर्न में प्रोमोटर्स की कितने प्रतिशत भागेदारी है।
[4 ] पिछले 3 वर्ष में कंपनी का परफॉरमेंस कैसा रहा है।
यानि Stock Price earning [PE], Book -value , ROCE, ROE, Sales-growth, Profit-growth, Debt-Equity Ratio, EPS, EBITDA [Earnings before interest, tax, depreciation and amortization -ये किसी कंपनी की ऑपरेटिंग परफॉरमेंस जांचने का साधन है ] डिविडेंड परफॉरमेंस , पूँजी का किस तरह उपयोग हो रहा है , ऋण की स्थिति क्या है , कैश -फ्लो कैसा है।
[5 ] प्रोमोटर्स के शेयर्स के गिरवी रखने की क्या स्थिति है।
[6 ] कंपनी के शेयर के 52 weeks high / Low रेट क्या है।
[7 ] कंपनी के शेयर का ट्रेंड क्या है ? अर्थार्थ भाव ऊपर हैं या नीचे। नीचे हैं तो क्यों है ?
Up Trend Chart: ↓
Up trend chart |
Down Trend Chart:↓
Down trend chart |
[9 ] कंपनी बुनियादी रूप से कितनी मजबूत है।
[10] सरकार की नीतिओं का कंपनी की परफॉरमेंस पर क्या प्रभाव हो रहा है। आदि -आदि।
[iii] लघु -अवधि निवेश [Short Term Investment]:
इस अवधि में आमतौर पर 7 दिन से एक वर्ष के लिए कंपनी की पूँजी में निवेश किया जाता है। निवेश के लिए वो ही दो माध्यम [IPO & purchase from stock exchange] अपनाये जाते हैं। उदेश्य रहता है जैसे ही लक्ष्य [Target ] पूरा हो , बेचकर निकल जाना।
यहाँ देखा जाता है की कंपनी का प्रदर्शन तो ठीक है , परन्तु कुछ अफवाहों, प्रबंधकों की आपसी खींचतान या तकनीकी कारणों की वजह से कंपनी के शेयर्स के भाव गिरे हुए हैं और कुछ ही समय में ऊपर आ जायेंगे।
[२ ] ट्रेडिंग [Trading ] :
ट्रेडिंग मुख्यतः दो प्रकार से होती है :-↓
[A ] इंट्राडे -ट्रेडिंग [Intraday -Trading ]
स्टॉक एक्सचेंज [BSE / NSE ] में सुबह 09;15 am to 03;30 pm तक की अवधि में ही शेयर खरीदना -बेचना। और लाभ -हानि बुक करना। यहाँ ट्रेड करना सबसे ज्यादा जोखिम भरा [Risky] होता है। क्योंकि शेयर्स के भाव पूरे ट्रेडिंग सेशन में ऊपर -नीचे होते हैं। गलत समय पर entry लेना या exit करना , यानी हानि को निमंत्रण देना। पूरी रकम भी डूब जाती है। यदि हम "Intraday " trading करना चाहते हैं तो निम्न नियम अपनाने चाहिये :-↓
- सबसे पहले ट्रेड करने के लिए शेयर का चयन करें।
- जिस स्टॉक में ट्रेडिंग करना चाह रहे हैं उस स्टॉक की पूर्व दिन के स्तर [Status ] को ध्यान में रखें।
- NSE -50 के शेयर्स में ट्रेडिंग करें। कारण यहाँ वॉल्यूम व् तरलता [Liquidity ] पर्याप्त होती है।
- अपनी क्षमता के हिसाब से छोटी -छोटी मात्रा में ट्रेड करें।
- हमेशा Stop Loss लगा कर रखें। क्योंकि मार्किट हमारे हिसाब से नहीं चलता।
- शेयर का Resistance & Support Level भी ध्यान में रखना चाहिए। Resistance का मतलब यह है की शेयर का भाव एक विशेष स्तर से ऊपर नहीं जाता और Support का मतलब है कि शेयर का भाव एक विशेष स्तर से नीचे नहीं जाता है। यानि एक सीमा के अंदर ही ऊपर / नीचे होता है , ऐसी स्थिति को Sideways कहा जाता है।
Resistance and support level |
- लक्ष्य [Target ] पूरा होने पर exit करें।
- घाटा होने पर quit करें। लूज़िंग साइड एवरेज न करें।
- जब ट्रेड करें तो TV , शोरशराबा , अख़बार आदि से दूर रहें। अर्थार्थ ट्रेड पर ही ध्यान केंद्रित करें।
- भावनाओं पर नियंत्रण रखें। लाभ होने की स्थिति में कूदें नहीं। हानि होने की स्थिति में उदास न हों।
- मार्किट खुलने के बाद 60 मिनिट तक इंतजार करें और देखें जिस स्टॉक में ट्रेड करने जा रहें हैं उसका मूवमेंट अपनी इक्छा के अनुरूप है की नहीं।
- मार्केट शुरू होने के एक घंटे बाद ट्रेड के Gainer & Looser को BSE /NSE की websites पर देखें।
- स्टॉक विशेष के Upper circuit व् Lower circuit का ध्यान रखें। क्यों की circuit लगने पर ट्रेडिंग अनेकों बार बंद हो जाती है।
- ट्रेड लेने से पहले स्टॉक का टेक्निकल -चार्ट जरूर देखें। चार्ट देखने के लिए निम्न websites पर जाएँ :-
- https://www.bseindia.com/ ,
- https://www.nseindia.com/,
- https://www.moneycontrol.com/,
- https://chartink.com/,
- https://www.screener.in/,
- https://www.investing.com/
- स्टॉक की चाल [Trend ] का अनुसरण करें। अर्थात चाल "नीचे " है तो बढ़ने पर बेचें और चाल "ऊपर" है तो गिरने पर खरीदें।
- Volatile market [उथल-पुथल ] में ट्रेड ना करें। सुबह 09:15 am to 10:30 am तक और दोपहर बाद 02:30 pm to 03:30 pm तक बाजार में बहुत हलचल रहती है। बिना अनुभव के यहाँ ट्रेड लेना बहुदा हानिकारक रहता है।
- अपने Allotted funds का 1/4 हिस्सा ही शुरुआत में लगाएं। कभी उधार लेकर ट्रेड न करें।
- किस रेट के शेयर पर क्या टारगेट प्राइस रखें ? मान लीजिये 100 रुपए मूल्य के 100 शेयर ख़रीदे या बेचे तो 2 रुपए प्रति शेयर का प्रॉफिट बुक कर बाहर आ जाना चाहिए। इस तरह आपको 200 रुपए का लाभ हुआ। कुल टर्नओवर 20000 हुआ , इस टर्नओवर पर ब्रोकरेज , टैक्स ,सेस मिला कर 10 या 20 रुपए हुआ। तब भी 180 /- रुपए की कमाई हुई। इसी तरह यदि शेयर का मूल्य 200 /- रुपए है तो 2 या 3 रुपए प्रति शेयर का प्रॉफिट बुक करें। 300 /- रुपए का शेयर है तो 3 से 4 रुपए का प्रॉफिट बुक करें और इसी अनुपात में बढ़ते रेट पर सौदे काटते रहें।
- बिना अनुभव के , बिना समझ के, किसी के कहने -सुनने से कभी इंट्राडे ट्रेडिंग न करें। आप हमेशा अपनी रकम डुबो देंगे।
candle stick pattern |
Candle stick chart |
कैंडल स्टिक पैटर्न बाजार में ट्रेडर्स के मूड को दर्शाता है। साथ ही एक पैटर्न पूरा होने पर दूसरा पैटर्न बनाता है। हरी कैंडल "तेजी" को और लाल कैंडल "मंदी" को दर्शाता है। इनके पैटर्न को Live market के साथ देखा जाता है और ट्रेड डाले जाते हैं। इनके पैटर्न को समझने के लिए "YouTube" पर बहुत से Videos उपलब्ध हैं। बस सर्च -बार में कैंडल -स्टिक डालिये और वीडियो देखिये / समझिये ।
Technical Analysis में कैंडल -स्टडी के साथ -साथ अन्य विश्लेषण जैसे :- 200 , 100 ,50 ,30 days DMA [Daily Moving Averages ] of stocks , RSI [Relative Strength Index], Bollinger Bands, Momentum Oscillators आदि का भी अध्ययन किया जाता है।
Technical Analysis में कैंडल -स्टडी के साथ -साथ अन्य विश्लेषण जैसे :- 200 , 100 ,50 ,30 days DMA [Daily Moving Averages ] of stocks , RSI [Relative Strength Index], Bollinger Bands, Momentum Oscillators आदि का भी अध्ययन किया जाता है।
[ब ] स्वीइंग -ट्रेडिंग [Swing -Trading ]:-↓
स्विंग जैसा की नाम से ही विदित है ; "घूमना" शेयर बाजार में भी शेयर के भाव ऊपर -नीचे होते रहते हैं। कभी अफवाह के चलते या फ्रॉफिट बुकिंग के चलते शेयर के भाव नीचे आ जाते हैं परन्तु आम तौर पर उस शेयर का ट्रेंड यदि ऊपर की ओर चलने का ही है तो , इसी उम्मीद के साथ कुछ ट्रेडर्स आज डिलीवरी उठाकर 2 -3 दिन में या 1 -2 सप्ताह बाद बेच देते हैं । इसे BTST यानि Buy-today-Sale-tomorrow भी कह सकते हैं।
Swing Trading Pattern |
दोनों ही तरह के ट्रेडिंग के लिए बहुत अनुभव की आवश्यकता होती है। हमेशा छोटी धन राशि से निवेश या ट्रेडिंग करनी चाहिए और जैसे -जैसे अनुभव बढ़ता जाए रकम में वृद्धि करनी चाहिए। यदि हम 20000 /- रुपए से ट्रेडिंग शुरू करते हैं और आधा प्रतिशत [@ 0.5%] की कमाई भी प्रतिदिन करते हैं तो 20000 का आधा प्रतिशत 100 रुपए होता है। इस तरह एक महीने में लगभग 20 दिन में 20 x 100 = 2000 रुपए की कमाई हो सकती है। और इस तरह से दस महीनों में 2000 x 10 = 20000 रुपए की कमाई हो सकती है। यह सालाना ब्याज दर 120 % , मासिक 10 रूपया सेंकडा और daily 0.34% होता है। यानी आपकी रकम 10 महीने में है दोगुनी। यदि इन 10 महीनो में 10000 रुपए की भी कमाई [@ 0.25% per day] करते हैं तब भी 20 महीने में रकम दोगुनी हो जाती है। यह सालाना ब्याज दर 60 % होती है। ये कठिन तो है लेकिन नामुमकिन नहीं है !!
फिर भी शेयर -बाजार के लिए ये कथन याद रखें :-
"पैसे की पहचान यहाँ , भावनाओं की कीमत कोई नहीं।
संभल के चलना इस मंडी में करता मोहब्बत कोई नहीं। "
इसके अलावा प्रसिद्ध निवेशक श्री वारेन बफेट [Warren Buffett ] का यह सन्देश भी याद रखें :-
"The stock market rewards you if you know what you are doing,
but if you don't know what you are doing, it will show no mercy to make you poor."
फिर भी शेयर -बाजार के लिए ये कथन याद रखें :-
"पैसे की पहचान यहाँ , भावनाओं की कीमत कोई नहीं।
संभल के चलना इस मंडी में करता मोहब्बत कोई नहीं। "
इसके अलावा प्रसिद्ध निवेशक श्री वारेन बफेट [Warren Buffett ] का यह सन्देश भी याद रखें :-
"The stock market rewards you if you know what you are doing,
but if you don't know what you are doing, it will show no mercy to make you poor."
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https://www.zindagikeanubhav.in/2019/10/stock-market-game.html [Part-1] ← यहाँ पढ़ें।
https://www.zindagikeanubhav.in/2019/12/Intraday-trading-vs-T-20-match.html
https://www.zindagikeanubhav.in/2019/12/Intraday-trading-vs-T-20-match.html
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