शेयर -बाजार का खेल : Stock -market game [Part-1] - ज़िन्दगी के अनुभव पर Blog : Blog on Life experience

रविवार, 6 अक्तूबर 2019

शेयर -बाजार का खेल : Stock -market game [Part-1]

शेयर-बाजार का खेल : Stock-market game [Part -1]

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Bombay Stock Exchange
शेयर बाजार; एक ऐसा प्लेटफार्म जहाँ से रुपए कमाये भी जाते हैं और गंवाए भी जाते हैं। अनेकों बार हम लोगों को बात करते हुए सुनते हैं कि "फलाँ व्यक्ति ने कुछ ही समय में शेयर -बाजार से अच्छा -खासा पैसा कमा लिया। " तो कई बार ये भी सुना है कि , "लाखों डूब गए शेयर मार्किट में "!!

जब हम लोगों को शेयर बाजार में तरक्की करते हुए देखते हैं, तो हम भी किस्मत आजमाना शुरू कर देते हैं और कुछ ही महीनों में "चारो खाने चित" हो जाते हैं। और मन में विचार आने शुरू हो जाते हैं , "नहीं -नहीं शेयर बाजार तो सट्टा -बाजार है "!!. या "मेरी किस्मत यहाँ नहीं चलेगी ". "यहाँ बोला कुछ जाता है, और होता कुछ और ही है "! "मेरी तो मेह्नत की कमाई चली गयी "! वगेहरा ,वगेहरा..................

तो अब प्रश्न ये पैदा होता है कि उपरोक्त जोखिम होने के बाद भी लाखों लोग , अनेकों Mutual -Funds , FIIs [Foreign Institutional Investors], DII [Domestic Institutional Investors], Corporate Houses, Brokerage Houses  आदि क्यों दिन -प्रतिदिन इस मार्किट में अपनी उपस्थिति बढ़ाते जा रहे हैं। हम कह सकते हैं की, "जिनके हाथ जल गए हैं [यानि रिटेल इन्वेस्टर्स ] वो निकल जाते हैं" , लेकिन जिनकों जले- हाथ ठीक करने का उपचार पता है [बड़े ऑपरेटर्स ] वो टिके रहते हैं।

शेयर -बाजार का खेल : Stock -market game 

शेयर बाजार वो स्थान जहाँ पर कंपनियों के शेयर्स का क्रय -विक्रय होता है। भारत में दो बड़े एक्सचेंज हाउस हैं :- 
[१] Bombay Stock Exchange : BSE 
[२] National Stock Exchange : NSE 


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National Stock Exchange

ये वो मार्किट है जिसमें कंपनी शेयर बेचने का ऑफर [IPO-Initial Public Offer ] देती है और निवेशक उस कंपनी के शेयर्स खरीदते हैं। धन जुटाने के लिए कंपनी को या तो बैंक से क़र्ज़ लेना होता है जिस पर ब्याज चुकाना पड़ता है या फिर अपनी कंपनी की पूँजी को छोटे -छोटे अंश में बेचना पड़ता है जिन्हे Equity -share या अंश पूँजी कहा जाता है। उसके लिए कंपनी मार्किट में ऑफर लाती है और इक्छुक निवेशक कंपनी के पूरे प्रॉस्पेक्टस को पढ़ -समझकर उस कंपनी के शेयर्स खरीद लेते है। कंपनी को उस पैसे पर कोई ब्याज नहीं देना होता और न ही उस पैसे को लौटने का कोई दबाब होता है।  दूसरी और इन्वेस्टर्स को यह उम्मीद रहती है की भविष्य में कंपनी की प्रगति होगी और शेयर्स के भाव बढ़ जाने पर उन्हें लाभ होगा या बोनस शेयर , डिविडेंड की प्राप्ति होगी। याद रखें किसी कंपनी के शेयर खरीद कर आप उस कम्पनी में एक  हिस्सेदार बन जाते हैं, उस सीमा तक जितने शेयर आपने ख़रीदे हैं। 

Secondary Market 

यानि Exchange -House [BSE & NSE] जहाँ कंपनी के शेयर ख़रीदे और बेचे जाते हैं। निवेशक  / इन्वेस्टर को अपने शेयर बेचने के लिए तरलता [लिक्विडिटी] उपलब्ध करना।

Grey Market 

शेयर-मार्किट का वह हिस्सा जहाँ किसी कंपनी के शेयर ऑफर [IPO] पर प्रीमियम रेट तय होते रहते हैं। यह अनौपचारिक व् अवैध मार्किट है जहाँ पर कंपनी का ऑफर इस्श्यू लिस्ट होने पर प्रीमियम लेन -देन का सारा व्यवसाय नकद होता है। उदाहरण :- X कंपनी के शेयर की ऑफर रेट Rs. 150 /- है लेकिन मार्किट में उसकी कीमत Rs . 175 /- चल रही है। अलॉटमेंट होने पर आपको उसे Rs .175 /- में बेचना पड़ेगा चाहे उसकी लिस्टिंग Rs .200 /- पर हुई हो।

हमारा निर्णय :

अब ये हम पर निर्भर करता है की हम आईपीओ [IPO] में पैसा लगाते हैं या सीधे मार्किट से शेयर खरीदते हैं। दोनों ही विकल्प में बहुदा राय [opinion ] ली जाती है, अपना कोई विश्लेषण नहीं होता और अंततः नुक्सान झेलना पड़ता है। दुसरे, लालच हमें रसातल में ले जाती है। हम सोचते हैं की अभी 5 % का लाभ हो गया है क्यों न 10 % का इंतजार करें। बस तब ही शेयर के दाम गिरने शुरू हो जाते हैं। अपनी लगाईं रकम से भी नीचे जब रेट आ जाते हैं, तब हम सोचते हैं की कुछ दिनों में दाम ऊपर आ जायेगा। लेकिन रेट और नीचे आ जाता हैं। हम फिर गलती करते हैं और नीचे के दाम  पर और शेयर खरीद लेते हैं, ये सोच कर कि अब averaging हो गयी है और यदि दाम  बढ़ा तो फायदा हो जायेगा। मगर अफ़सोस रेट और नीचे चले जाते हैं। हम फिर भी इंतज़ार करते हैं, "रेट ऊपर आने का"। सालों गुजर जाते हैं लेकिन हमारे खाते में जमा शेयर्स के भाव ऊपर नहीं आते । फिर हम मजबूरी में या तो शेयर नीचे के भाव में बेच देते हैं या किस्मत को दोष देकर उन्हें संभाल कर रख लेते हैं। और कसम लेते हैं के अब शेयर -मार्किट से दूर रहना हैं।
कुछ शेयर्स के लगभग दो से तीन वर्ष पुराने व ताज़ा भाव पर नज़र डालते हैं 😭😭 :-

Company Name
Highest Rate
Date
Lowest
Rate
Date
Yes Bank
Rs.1440.80
06-09-16
Rs.41.90   
04-10-19
Reliance Capital
Rs.292.30
03-10-18
Rs.22.90  
04-10-19
Reliance Infra
Rs.380.75  
02-11-18
Rs.26.45   
04-10-19
Dewan Housing Fin Ltd [DHFL]
Rs.333.70  
03-10-18
Rs.31.50   
04-10-19
India bulls housing fin
Rs.1003.90  
03-10-18
Rs.244.50
04-10-19
Vakrangee Ltd
Rs.503.60  
25-01-18
Rs.29.25  
04-10-19
P C Jeweller
Rs.551.00  
05-06-17
Rs.31.95
04-10-19
Zee Entertainment
Rs.506.90  
17-12-18
Rs.235.40  
04-10-19
RBL Bank
Rs.716.40
28-05-19
Rs.302.55
04-10-19
8 K Miles Soft
Rs.819.25
14-02-18
Rs.49.90
04-10-19

ये सभी Blue -Chip कम्पनियाँ मानी जाती थीं अर्थार्थ उच्च गुणवत्ता वाली कम्पनियां। परन्तु इनका ये हाल  कैसे हुआ ? उनके बहुत से कारण हैं। मोटा -मोटा कारण mismanagement , diversion of business/funds , heavy debt, NPA हैं। 

हक़ीक़त :

ये सच है की जब शेयर मार्किट का जन्म हुआ था तो उद्देश्य था कि किसी कंपनी को बनाने / चलाने के लिए पब्लिक से निवेश करवाना और निवेशक को बदले में "dividend ", "Bonus share " देकर लाभान्वित करना। और यदि  कंपनी  की performance अच्छी रही तो शेयर के दाम मार्किट में बढ़ जाने से निवेशक को और लाभान्वित करना। इसके अलावा यदि निवेशक किसी कंपनी के शेयर्स बेचना चाहे और अपनी रकम वापिस लेना चाहे तो Exchange -house के माध्यम से रकम उपलब्ध करना था। लेकिन जैसे -जैसे समय बिता नए -नए खिलाडी मैदान में आते गए और नए -नए तरीके बनाते गए। SMS से tips देना , TV shows में किसी विशेष कंपनी के शेयर के लिए अनुशंषा करना , अख़बारों के माध्यम से सूचना फैलाना आज के समय में आम बात हैं। कभी-कभार ये tips या सूचनायें काम कर जाती हैं लेकिन अनेक अवसरों पर तो असफल ही होती हैं। आजकल निवेश कम और ट्रेडिंग व सट्टेबाजी अधिक होती है। आम आदमी के तो बस की बात ही नहीं है कि वो किसी कंपनी की "Balance -sheet " को पढ़ सके / समझ सके। Balance -sheet की असलियत भी उस कंपनी के Directors / Chief Executive officers ही जानते हैं। 

उपाय :

कहते हैं की "जोखिम उठाने की अगर ताक़त हैं तो फायदा हो सकता है" !! अगले पार्ट में ये जानने कोशिश होगी  की Long -Term Investment, Short -Term Investment, कैसे करें ?
Short term, Intraday trading से प्रतिदिन 1% से 2% की कमाई कैसे करें। आपका पैसा 12  महीने में भी दुगना हो सकता है। बशर्ते संयम रखना पढ़ेगा और लालच से बचना होगा। टारगेट पूरा होते ही मार्किट से बाहर आना होगा।

Share Bazar Game-Part-2:→https://www.zindagikeanubhav.in/2019/10/share-market-game-part-2.html
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